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जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त ?


जन्माष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त ?

  • जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।
जन्माष्टमी इस साल 18 अगस्त 2022 गुरुवार को है।
जन्माष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 9:00 बज कर 21 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10:59 पर समाप्त होगी। माना जाता है कि जन्माष्टमी व्रत के दिन जो व्यक्ति कथा पाठ करता है या सुनता है उसके समस्त पापों का नाश होता है।


जन्माष्टमी की पूजन विधि ?

  • जन्माष्टमी की पूजन विधि है।

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और घर के मंदिर में साफ सफाई करें। 
इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। साथ ही सभी देवी देवताओं का जलाभिषेक करें। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा कर जलाभिषेक करें। इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाकर झूला झुलाएं। श्री कृष्ण जी का श्रृंगार करने के बाद उन्हें अष्टगंध चंदन, अक्षत और रोली का तिलक लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण करें। श्री कृष्ण के विशेष मंत्रों का जाप करें। विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और कहें- हे भगवान कृष्ण! पूजा में पधारने के लिए आपका धन्यवाद। पूजा में काले या सफेद रंग का प्रयोग ना करें । वैजयंती के फूल कृष्ण जी को अर्पित करना सर्वोत्तम होता है ।अंत में प्रसाद वितरण करें और ग्रहण करें। इसके साथ ही भूल चूक के लिए भगवान से माफी मांग लें।


क्यों मनाते हैं जन्माष्टमी ?


श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सदियों से मनाने की परंपरा चली आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से मथुरा वासी त्रस्त हो गए थे। मान्यता है कि कंस को लेकर एक भविष्यवाणी हुई जिसमें कंस की बहन देवकी के आठवें पुत्र के हाथों वध की बात कही गई।
इस भय से उसने अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को काल कोठरी में कैद कर दिया और कंस ने अपनी बहन  कि हर संतान को मारता रहा।  कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए, बहन देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। जिसके बाद उन्होंने कंस का वध कर, मथुरावासियों और पृथ्वी से कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। इसी उपलक्ष में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी का महत्व ?

  • जन्माष्टमी का महत्व है।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण जी को श्री विष्णु जी का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि यह पर्व विशेष महत्व रखता है। भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं। माना जाता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से, निसंतान दंपतियों को भी संतान की प्राप्ति हो जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा विधिवत तरीके से की जाती है।


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