विश्व का सबसे बड़ा सिक्का:1,111 किलो वजन पीतल का सिक्का छुआछूत मुक्त भारत अभियान का दे रहा है संदेश
विश्व का सबसे बड़ा सिक्का के कोटपूतली क्षेत्र में पहुंचने पर स्थानीय लोगो के लिए कोतूहल का केंद्र बना। पीतल से निर्मित 1111 किलो का सिक्का छुआछूत मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं चिंतक मार्टीन मैंकवाल के नेतृत्व में अहमदाबाद से दिल्ली के लिए जा रहा है। यात्रा मानवाधिकार कार्यकर्ता मैंकवाल के नेतृत्व में 400 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ यात्रा निकाली जा रही है।
एक-एक रुपये के 21 लाख सिक्के सौंपे जाएंगे
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता एवं चिंतक मार्टिन मैंकवान के नेतृत्व में भारत के 16 विभिन्न राज्यों के नागरिकों से 1-1 रुपये के 21 लाख रुपये के सिक्के नये संसद भवन के निर्माण में नागरिकों के सहयोग के तौर पर राष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष को सौंपे जायेगें। 16 विभिन्न राज्यों के दलित परिवारो के हर एक व्यक्ति ने एक-एक रुपया नई संसद भवन के निर्माण में सहयोग देने में दीया और खास बात यह रही कि इस सहयोग में केवल दलित ही नहीं अन्य सभी जाति वर्गों ने छुआछूत मुक्त भारत अभियान मैं सहयोग किया।
यात्रा का प्रस्तावित मार्ग
विश्व का सबसे बड़ा 1111किलो वजनी पीतल का सिक्का और एक एक रुपए के करीब 21 लाख सिक्कों के साथ अहमदाबाद से दिल्ली के लिए यात्रा निकाली जा रही है। ये यात्रा अस्पृश्यता के खिलाफ संदेश देते हुए छुआछूत मुक्त भारत अभियान का यह संदेश लेकर सिक्का दिल्ली के नवीन संसद भवन में स्थापित किया जाएगा
राष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा
8 अगस्त को छुआछूत मुक्त भारत यात्रा के दिल्ली पहुंचने पर राष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष को विश्व का सबसे बड़ा सिक्का व एक ही ग्रुप 121 लाख सिक्के नवीन सांसद भवन में निर्माण में नागरिक सहयोग के रूप में सौंपा जाएंगे। विश्व के सबसे बड़े सिक्के के एक तरफ भगवान बुद्ध की छवि और दूसरी तरफ बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की छवि के साथ छुआछूत के खिलाफ संदेश लिखा हुआ है
आकर्षण का केंद्र रहा सिक्का एवं बाबा साहब की प्रतिमा संविधान लिखते हुए
यात्रा में गुजरात के विख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं चिंतक मार्टिन मेंकवान के निर्देशन में छुआछूत मुक्त भारत की परिकल्पना को लेकर तैयार किया गया 1111 किलोग्राम विश्व का सबसे बड़ा पीतल का सिक्का एवं संविधान लिखते हुये बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर की बड़ी प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु रही। और यह प्रतिमा 18 साल की दलित लड़की ने बनाई है। यह सिक्का 8 अगस्त को दिल्ली में राष्ट्रपति एवं लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जायेगा। इस अवसर पर भीम आर्मी पदाधिकारियों ने मार्टिन मेंकवान का स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। नर्सिग कर्मचारी नेता किरताराम जयपाल द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
राजस्थान-हरियाणा सीमा के शाहजहांपुर बॉर्डर
भीम रुदन यात्रा वापस राजस्थान की ओर कूच
बावल(रेवाड़ी)। एक अगस्त को अहमदाबाद से दिल्ली के लिए चली भीम रुदन यात्रा रविवार की देर शाम दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते हरियाणा-राजस्थान की सीमा तक पहुंची, जिसे हरियाणा की सीमा में पुलिस ने जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर रोक लिया। बाद में आगे जाने की अनुमति नहीं मिलने पर यात्रा राजस्थान की ओर कूच कर गई।बाद में इन यात्रियों ने इस हाईवे की सर्विस लेन पर अपना पड़ाव डाल दिया, जो 24 घंटे तक जारी रहा। सोमवार को पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव भी इनसे मिलने पहुंचे थे। इस यात्रा के संयोजक मार्टिन माकवन ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि दलित उत्पीड़न बंद किए जाने नए संसद भवन में बाबा साहब डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा और छुआछूत मुक्त भारत की परिकल्पना को लेकर तैयार 1111 किलोग्राम वजन का पीतल का सिक्का लेकर चल रही इस यात्रा में 400 से अधिक लोग शामिल रहे। उन्होंने कहा कि हम यहां 24 घंटे यानी सोमवार की रात आठ बजे तक सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से जवाब की प्रतीक्षा करेंगे और अगर अनुमति नहीं मिली तो लौट जाएंगे। यात्रा को 8 अगस्त को दिल्ली पहुंचने के बाद यह सिक्का, जिसके एक पहलू पर गौतम बुद्घ जबकि दूसरे पहलू पर डॉ. आंबेडकर का चित्र छपा था, वह राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा जाना था। उधर दिल्ली में राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के मद्देनजर इस यात्रा को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद रविवार को इसे हरियाणा की सीमा में प्रवेश के बाद रोक लिया गया। सोमवार को देर शाम 8 बजे बाद यह यात्रा वापस जयपुर राजस्थान की ओर लौट गई और दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति नहीं बनी।
7 Comments
Jay bheem Jay samvidhn
ReplyDeleteJay bheem
ReplyDeleteJay bheem
ReplyDeleteJay bheem Jay samvidhan
ReplyDeleteJay Bharat jay bheem
ReplyDeleteहम सब के सबसे पहले देश है
ReplyDeleteJay Bharat Jay Bheem
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