Ticker

6/recent/ticker-posts

आज विज्ञान ने भी माना आदि कवि श्री वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण में लिखे गए तथ्यों को सत्य !

आज विज्ञान ने भी माना आदि कवि श्री वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण में लिखे गए तथ्यों को सत्य !


विश्व मैप पर एक बिन्दु की तरह दिखने वाला श्रीं लंका कभी पृथ्वी का एक बहुत बड़ा भू भाग था।
महा सागर की गहराई मे भारत से तीन गुना बड़े भू भाग आइस ऐज हिम युग से पहले मौजूद था।
( 1.5 to 2 million years लगभग 1500000 लाख से 2000000 लाख साल पहले  ) 
जो की भगवान वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण मे त्रेता युग बताया जाता है और रामायण मे मौजूद 4 दंत वाले हाथिओ ( Gomphothere ) विज्ञान द्वारा आइस ऐज से पहले ही बताया गया है।

इस अदभुत खोज ने पूरे विश्व के चरमपंथीओ और तरह - तरह की विचार धारियो को सक्ते मे डाल  दिया है।
क्योकि बहुत सी किताबे और अलग - अलग धर्मो के मिशनरियो द्वारा मानव की उत्पत्ति 5000 साल पहले और  कुछ 8000 साल पहले बतायी गई। 

चरमपंथ करोड़ो साल पहले हुए विशालतम जीव डयनोसोर को लाखो साल पहले हुआ बता कर रामायण के तथ्यों को मिथ्या साबित करने मे लगे थे।
लेकिन सागर की गहराई मे इस आधुनिक सभ्यता की खोज ने ये साबित कर दिया की पृथ्वी पर मानव जीवन त्रेता युग से भी पहले सतयुग से है।
प्रलय इस संसार मे कभी आसमान से, कभी पानी से, कभी पृथ्वी के तापमान अत्याधिक कम होने तो कभी अत्याधिक बढ़ जाने से आती रही है।
रामायण काल के बाद प्रलय हिम युग के रूप मे आयी और धीरे धीरे हिम युग अंत होना शुरू हुआ और श्री लंका का एक बहुत बड़ा हिस्सा जलगमन हो गया।
श्री लंका के इस जलगमन हुए हिस्से को तमिल लोगो द्वारा कुमारी कंधुम और विज्ञानिको द्वारा लुमेरिआ ( lumeria ) का नाम दिया गया।

आदि कवि श्री वाल्मीकि जी ने, न केवल रामायण की रचना की बल्कि उससे पहले भी अनेक ग्रंथ लिखे हैं उनको क्रमबद्ध आपके सामने प्रस्तुत करता हूं।

1. अक्षर लक्ष्य
2. पावन योग विशिष्ट
3. आदि काव्य रामायण
4. राम संवाद
5. हृदय प्रकृति स्तोत्र
6. समाजशास्त्र
7. राजनीति विज्ञान

निवेदन है कि यह ब्लॉग अगर आपको अच्छा लगा तो इसे शेयर करें और कमेंट करें आपके कमेंट करने से हमें अच्छे कंटेंट लिखने की प्रेरणा मिलती है इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

नेशन फर्स्ट हमेशा फर्स्ट

Nation First Hamesha First

Post a Comment

12 Comments