भारतीय ध्वज
भारत में, "तिरंगा" शब्द भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को संदर्भित करता है । राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात "३"तीन क्षैतिज पट्टियां हैं : केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे है । ध्वज की लंबाई - चौड़ाई का अनुपात ३:२ है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रचयिता कौन हैं?
जिस व्यक्ति ने भारत की शान तिरंगे का निर्माण किया उसका नाम पिंगली वेंकैय्या है और उन्होंने ध्वज का निर्माण सन 1921 में किया था। लेकिन इसे बनाना इतना आसान नहीं था इसे बनाने से पहले उन्होंने सन् 1916 से सन् 1921 तक 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया, उसके बाद जाकर अपने तिरंगे को बनाया।
केसरिया रंग किसका प्रतीक है?
- केसरिया रंग प्रतीक है।
अध्यात्म से सराबोर रंग है केसरिया:- केसरिया रंग बलिदान को प्रतीक कहते हैं। यह रंग राष्ट्रीय प्रतीक हिम्मत और निस्वार्थ भावना को दिखाता है यह रंग बौद्ध और जैन जैसे धर्मो के लिए धार्मिक महत्व का रंग है। हालांकि यह रंग सभी धर्मों के अहंकार को मुक्ति और त्याग का भी संदेश देता है और लोगों में एकता बनाने का भी प्रतीक माना जाता है। केसरिया रंग को अध्यात्म और ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदू बुध सिख - सभी इस रंग को अपने करीब मानते हैं। आम भाषा में केसरिया रंग को संतरी रंग भी कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म की निशानी भी मानते हैं। आमतौर पर किसी भी साधु ऋषि मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है जिसका अलग ही महत्व है।
पूजा - अर्चना के दौरान केसरी रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है। हिंदू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है। मनुष्य हवन कुंड में जल रही अग्नि के जरिए ही परमात्मा का बोध करता है ।इस आधार पर भी केसरी रंग को अध्यात्म से जोड़ा जाता है।
सफेद रंग किसका प्रतीक है?
- सफेद रंग प्रतीक है
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सफेद रंग जो शांति और इमानदारी का प्रतीक माना गया है। भारतीय दर्शन शास्त्र के मुताबिक सफेद रंग को स्वच्छता और ज्ञान का भी प्रतीक माना गया है। मार्गदर्शन और सच्चाई की राह पर हमेशा चलना चाहिए।
हरा रंग किसका प्रतीक है?
- हरा रंग प्रतीक है
हरा रंग पूरे भारत में हरियाली को दर्शाता है और आंखों को सुकून भी देता है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन का संदेश देती है, उसी प्रकार इस रंग से जीवन का गहरा संबंध है। फेंगशुई की माने तो हरा रंग बीमार व्यक्तियों के लिए जीवनदाई औषधि का काम करता है। फेंगशुई ने इससे विकास स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक माना है।
हरे रंग में नाइट्रोजन, तांबा, क्लोरोफिल, बेरियम और निक्कल जैसे तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इस रंग के बारे में कहा जाता है कि यह डिप्रेशन यानी अवसाद से भी व्यक्ति को दूर रखता है। हरा रंग भावनात्मक रूप से राज सी ठाट और निरंकुशता की प्रकृति को प्रदर्शित करता है।
अशोक चक्र किसे कहते हैं ?
- अशोक चक्र कहते हैं
अशोक चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है इस चक्र में 24 तिलिया होती है । यह 24 तिलिया मनुष्य के गुणों को दर्शाती है । दूसरे शब्दों में इन्हें मनुष्य के लिए बनाए गए 24 धर्म मार्ग भी कहा जा सकता है। अशोक चक्र में बनाए गए सभी धर्ममार्ग किसी भी देश को उन्नति के पथ पर पहुंचा देंगे। शायद यही कारण है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज के निर्माताओं ने जब इसका अंतिम रूप फाइनल किया तो उन्होंने झंडे के बीच में चरखे को हटाकर इस अशोक चक्र को रखा था।
अशोक चक्र में दी गई इन 24 तीलियों का मतलब जानते हैं।
अशोक चक्र की इन 24 तीलियों का मतलब (चक्र के क्रमानुसार) जानते हैं:-
१. पहली तीली :- संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
२. दूसरी तीली :- आरोग्य (निरोगी जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
३. तीसरी तीली :- शांति (देश में शांति व्यवस्था रखने की सलाह देती है)
४. चौथी तीली :- त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
५. पांचवी तीली :- सील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
६. छठवीं तीली :- सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा )
७. सातवीं तीली :- क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
८. आठवीं तीली :- प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना )
९. नवी तीली :- मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
१०. दसवीं तीली :- बंधुत्व (देश प्रेम और बंधुत्व को बढ़ावा देना )
११. ग्यारहवीं तीली :- संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना )
१२. बारहवीं तीली :- कल्याण ( देश व समाज के लिए कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना )
१३. तेरहवीं तीली :- समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना )
१४. चौदसवीं तीली :- उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना )
१५. पंद्रहवीं तीली :- सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
१६ . सौलहवीं तीली :- नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
१७. सत्रहवीं तीली :- समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
१८. अठारहवी तीली :- अर्थ (धन का सदुपयोग करना)
१९. उन्नीसवीं तीली :- नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
२०. बीसवीं तीली :- न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
२१. इक्कीसवीं तीली :- सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
२२. बाईसवीं तीली :- कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
२३. तेईसवी तीली :- अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
२४. चौबीसवीं तीली :- बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)
9 Comments
Jay hind
ReplyDeleteBahut sundar hai
ReplyDeleteJay hind
ReplyDeleteJay hind
ReplyDeleteJay hind
ReplyDeleteJay hind🙏
ReplyDeleteBharat mata ki jay 🙏
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteJay hind
ReplyDelete