डॉ राधा वाल्मीकि वाल्मीकि जाति से हैं। आपको यह जानकर बहुत ही हर्ष होगा जो भी यह उपलब्धियां हासिल की हैं। इन्होंने हजार से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज किया है। और इंटरनेशनल लेवल पर इन्हें पीएचडी की उपाधि दी गई है। और इन्होंने वह कर दिखाया जो बाबा साहब चाहते थे।
डॉ राधा वाल्मीकि का जन्म उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुआ था। वहीं पर उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण की इन्होंने 5 सब्जेक्ट में m.a. किया। m.a. हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशलॉजी, इकोनॉमिक्स और एजुकेशन B.Ed किया हुआ है एलएलबी की है और पॉलिटिकल साइंस में ही पीएचडी की है और उसके बाद मैं सोशल वर्क करती हैं। टीचिंग इनका कार्य है।
उत्तराखंड की डॉक्टर राधा वाल्मीकि बायोग्राफी ग्लोबल ऑफ अर्थ में शामिल
अफ्रीकन ग्लोबल बुक एजेंसी प्रूडेंट पैन द्वारा इस से लांच द मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ में विश्व के कई महान प्रेरणादायक व्यक्तियों के साथ-साथ भारत के कुछ विशिष्ट कर्मयोगियों की जीवन गाथा भी ग्लोबल
पंतनगर। अफ्रीकन ग्लोबल एजेंसी प्रूडेंट पैन की ओर से तैयार की गई 'दी मोस्ट इंस्पायरिंग पीपल ऑफ अर्थ में भारत के कुछ विशिष्ट लोगों की जीवनी को शामिल किया गया है। इनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अभिनेता सोनू सूद और अन्य के साथ उत्तराखंड की शिक्षिका डॉ राधा वाल्मीकि को भी जगह दी गई है। डॉ राधा वाल्मीकि पंत विश्वविद्यालय परिसर स्थित पंतनगर इंटर कॉलेज में प्रवक्ता हैं। शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों को लेकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय मदर टेरेसा सम्मान, हिंदी साहित्य रत्न, सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा शिरोमणि सम्मान, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार और 2 अक्टूबर को ग्लोबल गांधी पीस अवॉर्ड 2020 से भी सम्मानित किया जा चुका है। डॉ राधा वाल्मीकि लगभग 1000 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुकी हैं। हाल ही में प्रूडेंट की पुस्तक में डॉ राधा वाल्मीकि का चयन स्वर्ण भारत परिवार, दिशा फाउंडेशन और उदय कौशल फाउंडेशन की ओर से किया गया है। इस पुस्तक में डॉक्टर राधा के साथ विश्वंभर के 101 और भारत से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रविशंकर, प्रसाद अभिनेता मुकेश खन्ना, स्वर्गीय डॉक्टर लक्ष्मी सहगल, अभिनेता सोनू सूद की भी जीवनी दी गई है। डॉक्टर राधा वाल्मीकि ने अपने चयन पर स्वर्ण भारत परिवार के संस्थापक अध्यक्ष पीयूष पंडित का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिजनों, मित्रों एवं उत्तराखंड वासियों व देशवासियों को देती हैं।
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