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Tata बनने जा रही है आईफोन (iPhone) बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी और चीन को लगा जोर का झटका

Tata बनने जा रही है आईफोन (iPhone) बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी और चीन को लगा जोर का झटका


चीन को जोर का झटका

सरकार कंपनियों को अपने उत्पादन और रोजगार बढ़ाने के लिए इन्सेंटिव दे रही है। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई सप्लाई की दिक्कतों और अमेरिका तथा चीन के बीच बढ़ते तनाव से इंटरनेशनल कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। ऐसी स्थिति में भारत निवेश के लिए पसंदीदा देश बनकर उभरा है। टाटा ग्रुप ने हाल में इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्शन में एंट्री मारी है। तमिलनाडु में कंपनी की फैक्ट्री में आईफोन का चेसि यानी डेवाइस का मेटल बैकबोन बनाती है। साथ ही कंपनी ने चिप बनाने में भी दिलचस्पी दिखाई है।

Tata बनने जा रही है iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी


ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक के बिजनेस से जुड़ा टाटा ग्रुप अब नया कीर्तिमान अपने नाम दर्ज करने जा रहा है। बहुत जल्द टाटा ग्रुप की मेगा डील पूरी होने जा रही है और जिसके बाद वो आईफोन बनाने के बिजनेस में उतरने जा रहा है। इसका मतलब ये हुआ कि एप्पल के फोन पर अब टाटा का ठप्पा होगा। रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट की डील कब हो रही है फाइनल? ये सौदा भारत के लिए कैसे मील का पत्थर साबित हो सकता है और आखिर क्यों ताइवानी कंपनी विस्ट्रॉन, एप्पल के इस बिजनेस से बाहर निकलना चाह रही है? तमाम सवालों के जवाब जानते हैं।

Tata बनेगी iPhone बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी


सबसे पहले विस्ट्रॉन की भारत में पृष्ठभूमि समझ लीजिए ताकि पूरी स्टोरी समझ में आ जाए। विस्ट्रॉन ने साल 2008 में इंडियन मार्केट में एंट्री की थी, तब कंपनी कई डिवाइसेस के लिए रिपेयर फैसिलिटी प्रोवाइड कराती थी। इसके बाद 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड किया और एपल के लिए आईफोन का प्रोडक्शन शुरू किया।तब से विस्ट्रॉन ही एप्पल के लिए ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाती आ रही है। 

लेकिन अब विस्ट्रॉन भारत में आईफोन के बिजनेस से निकलना चाहती है और टाटा इसे खरीदने जा रही है, क्यों इसका जवाब आपको देंगे। लेकिन पहले डील से जुड़ी सबसी बड़ी खबर जान लेते हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप, एपल की सप्लायर विस्ट्रॉन की फैक्टरी के अधिग्रहण के लिए डील फाइनल करने के कगार पर है। इस डील पर अगस्त 2023 की शुरुआत में मुहर लग सकती है। ये डील होते ही टाटा ग्रुप आईफोन एसेंबल करने वाली पहली भारतीय कंपनी होगी। विस्ट्रॉन की फैक्टरी की वैल्यूएशन 600 मिलियन डॉलर यानि 4,946 करोड़ रुपए से ज्यादा है।  विस्ट्रॉन का ये प्लांट आईफोन-14 मॉडल के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है। वर्तमान में इस प्लांट में 10,000 से ज्यादा वर्कर्स काम करते हैं।

टाटा ग्रुप और विस्ट्रॉन के बीच इस डील के लिए पिछले एक साल से बातचीत चल रही है। जो अब जाकर पूरी हो रही है। यहां दो महत्वपूर्ण  सवाल है पहला इस प्रोजेक्ट के अधिग्रहण के बाद टाटा का गेम प्लान क्या है? और विस्ट्रॉन क्यों छोड़ रहा है भारत?

रिपोर्ट्स की मानें तो एप्पल की शर्तों के हिसाब से प्रॉफिट हासिल करने में विस्ट्रॉन को काफी चुनौतियां आ रही हैं। कंपनी को भारत में आईफोन असेंबली प्रोवाइडर के तौर पर मुनाफा कमाने के लिए बहुत ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ रहा था। जिसके चलते विस्ट्रॉन ने भारत में अपनी आईफोन असेंबली फैक्ट्री बेचने का फैसला किया। 

अब जानते हैं कि इस डील के बाद टाटा का गेम प्लान क्या है?

खबरों की मुताबिक अधिग्रहण के बाद भारतीय ग्रुप टाटा, इस प्लांट में अपकमिंग आईफोन-15 मॉडल बनाना शुरू कर सकता है। मौजूदा वक्त में विस्ट्रॉन का भारतीय प्लांट प्रोडक्शन में आईफोन-12 और आईफोन-14 की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। टाटा के अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन पूरी तरह से भारतीय मार्केट से बाहर हो जाएगा।

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