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Parenting Tips :- नमस्ते से पैर छूने तक, जानिए बच्चों को कैसे सिखाएं यह अच्छी आदतें, परवरिश पर नहीं उठेगा सवाल

 Parenting Tips :- नमस्ते से पैर छूने तक, जानिए बच्चों को कैसे सिखाएं यह अच्छी आदतें, परवरिश पर नहीं उठेगा सवाल


Good Habits :- बच्चों के घर में आने से खुशी का माहौल तो बनता ही है साथ ही ज़िम्मेदारी भी बढ़ जाती है। सभी माता-पिता चाहते है कि उनका बच्चा स्वस्थ और आत्मनिर्भर बने। अच्छी परवरिश देकर ये सब हासिल किया जा सकता है।

Good Habits :- बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें बचपन से ही अच्छी आदतें सिखा देना सबसे बेस्ट होता है।अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा घर आए मेहमानों से नमस्ते करें, पैर छुए और सम्मान करें तो यह अच्छी आदतें सिखा दें।

माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं। बच्चों का व्यवहार, उठना बैठना और बातचीत करने का तरीका इस बात का परिचय देता है कि उसकी परवरिश कैसी हुई है ? बच्चों को अच्छी लाइफ के साथ ही अच्छे मेहनत सीखने के लिए माता-पिता बहुत कुछ करते हैं। ऐसे में बचपन से ही बच्चों को कुछ जरूरी बातें सिखाना चाहिए। यह बातें बच्चों के व्यवहार और परवरिश को दर्शाती हैं साथ ही उन्हें बाहरी लोगों से मिलने झूलने में आसानी होती है।जानिए बच्चों को कैसे सिखाएं अच्छी आदतें-

1:-  नमस्ते करना:- 



भारतीय परंपराओं के अनुसार बच्चों को नमस्ते कहना बहुत पहले ही सिखा देना चाहिए। हाथ जोड़कर नमस्ते करने से बच्चों में आत्मविश्वास और विनम्रता की भावना बढ़ती है। इसके अलावा विज्ञान यह मानता है कि हमारे हाथ के तंतु मस्तिष्क के तंतुओं से जुड़े होते हैं। नमस्कार करते वक्त हथेलियों को आपस में दबाने से या जोड़े रखने से हृदय चक्र या आज्ञा चक्र में सक्रियता आती है। जिससे हमारी जागृति बढ़ती है। साथ ही मन शांत रहता है और चित्त में प्रसन्नता आती है। इसके अलावा हृदय में पुष्टता आती है और निर्भीकता बढ़ती है। घर में जब भी कोई बड़ा आए तो बच्चों को नमस्ते करने के लिए कहें। एक साल की उम्र के बच्चे को ही ऐसा सीखना शुरू कर दें।

2:- सिखा दे यह कहना:- 

बच्चों को प्लीज थैंक यू वेलकम सॉरी आदि शब्द बोलना जरूरी सिखाएं। 1 वर्ष की उम्र के बाद से ही इन शब्दों का प्रयोग करना सिखाएं। इस उम्र में वह आसानी से सब सीख जाते हैं। इसे सिखाने का बेस्ट तरीका है कि आप बच्चों के सामने इन शब्दों का इस्तेमाल करें।

3:- पैर छूना:-


बड़ों का आशीर्वाद लेने और उनके प्रति सम्मान का भाव के लिए बच्चों को पैर छूना सिखाएं। अगर आप बच्चे मैं बचपन से ही ऐसा करने की आदत डालते हैं तो बड़े होने के बाद वह विनम्रम बनेंगे।

4:- सिखा दे यह आदतें:- 

3 से 6 वर्ष की उम्र में बच्चों को प्यार करना, शेयर करना, दूसरों की केयर करना, सच बोलना सिखाएं। इस उम्र में आप बच्चों को दूसरों की बात को सुनना भी सिखाना जरूरी है।

5:- अपने घर के बुजुर्गो का ख्याल रखें:-


यह सबसे महत्त्वपूर्ण टॉपिक है बच्चे जो भी सीखते हैं वह आपसे ही सीखते हैं इसके लिए आप भी उनके सामने एक नेक व्यक्ति के रूप में अपनी छवि बनाएं रखें अपने घर की बुजुर्गों को ख्याल रखें और उनसे हर वक्त नर्मी से बात करें उनके सुख-दुख का हाल लेते रहें और अपने बच्चे को भी ऐसा करने के लिए कहें जिनसे की वह भी सेवा करना सीख सकें।

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