बच्चों को मेंटली स्ट्रांग बनाना है, तो उन्हें खुद से सीखने दे, यह काम मेमोरी होगी स्ट्रांग If you want to make children mentally strong, then let them learn on their own, this work will strengthen their memory.
Mind development in kids: बचपन में बच्चों का दिमाग तेजी से कामों को सीखता और समझता है। इसलिए बच्चों को कुछ काम खुद से ही सीखने पर जोर दें। जिससे कि उनके अंदर अच्छी आदतों का विकास हो और बुरी आदतें ना सीखें।
बच्चे जब पैदा होते हैं तो उनके काफी सारे अंग पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। इन्हीं अंगों में दिमाग भी शामिल है। जिसे पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है। एक से दो साल के बच्चे तेजी से कामों को सीखते और समझते हैं। जो उनके दिमाग में पूरी जिंदगी के लिए रहता है। इस दौरान अगर उन्हें कुछ कामों को सिखा दी जाएं तो भविष्य में उन्हें हर मैदान में आगे रहने और नई बातों को सीखने में परेशानी नहीं होती है। आईए जानते हैं इस आर्टिकल में उन कामों के बारे में जिनसे बच्चों का शारीरिक विकास और दिमाग स्ट्रांग होता है।
1:- बच्चों को सभी का आदर करना सिखाएं (Teach children to respect everyone)
बच्चों को सभी का आदर करना सिखाना जरूरी है। बच्चों को यह कल उदाहरण के जरिए समझाएं। जब हम अपने आसपास के लोगों खासकर अपने परिवार के प्रति सम्मान दिखाते हैं तो हमारे बच्चे भी इस पर ध्यान देंगे और यह कल सीखेंगे।
2:- भावनाओं का संचार करना सिखाएं (teach to communicate emotions)
भावनाओं का संचार आपके बच्चों को सिखाने के लिए सबसे आवश्यक लाइफ स्किल्स में से एक है। इससे न सिर्फ उनके भावनात्मक रूप से विकास में मदद मिलेगी, बल्कि वे नकारात्मक भावनाओं के से निपटने में भी समर्थ बनेंगे।
3:- बच्चों को धैर्य रखना सिखाएं (teach children to be patient)
बच्चे किसी नई चीज को देखकर तेजी से उसे लेने और सीखने की कोशिश करते हैं। लेकिन जल्दी ही बोर होकर उसे छोड़ देते हैं। ऐसे में बच्चों को यह सीखने की कोशिश करनी चाहिए कि किसी चीज को सीखने में समय लग सकता है और उसे धैर्य के साथ सीखने के लिए मेहनत करनी चाहिए। बच्चों के मात्र एक-दो साल की उम्र से ही आदतों को डालना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इस वक्त में बच्चों का दिमाग काफी तेजी से चीजों को सीखता है और हो सकता है कि वह अच्छी चीजों से ज्यादा बुरी चीज ज्यादा तेजी से सीख जाए और लाइफटाइम उसे आदत को ना छोड़ सके।
4:- बच्चों को कुछ काम खुद से करने दें (Let the children do some work on their own)
बच्चा अगर किसी खिलौने के टूटने पर उसे जोड़ना चाहता है या फिर कोई काम खुद से कर रहा है तो उसे बीच में ठोक कर बताने के बजाय उसे खुद से समस्या से निपटने दें। हर बार उसे क्या करना है और क्या नहीं करना बता देना बच्चों के भविष्य के लिए सही नहीं है इस तरह की आदत उसे हमेशा दूसरों पर निर्भर रहने की आदत पैदा कर देगी।
5:- फेल और रिजेक्ट होने पर स्थिति को कैसे हैंडल करें?(How to handle the situation when you got rejected or fail?)
फेल और रिजेक्ट हमारे जीवन में सबसे अधिक बार होने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण चीजों में से एक है। लेकिन बच्चों को इससे निपटने के तरीके जरूर सिखाएं। उसे सीखने की उसे इस स्थिति में क्या करना चाहिए? इससे आपके बच्चे को भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने में फायदा मिलेगा, और वह निराश नहीं होंगे।
6:- गलती होने पर माफी मांगना सिखाएं (teach to apologize when you make a mistake)
यह सीखने के लिए सबसे विनम्र और चुनौतीपूर्ण स्किल है। हमारा मानव स्वभाव जन्म के समय से ही स्वार्थ से भरा हुआ होता है। हम जरूरतमंद हैं, और जरूरत पड़ने पर हम एक दूसरे को भूल जाते हैं। हम भूल जाते हैं कि हमारे कार्यों से किसी को दर्द हो सकता है लेकिन अगर अपने अनजाने में किसी के साथ गलत किया है तो उसे स्वीकारना आना चाहिए और उसके लिए माफी भी मांगनी चाहिए। यह बच्चों को जरूर सिखाएं।
7:- बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों, सामाजिक स्थितियों को समझाएं और उनका अनुभव कराएं (Let children understand and experience different cultures and social situations)
अगर आपको मौका मिलता है तो अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा संस्कृतियों से परिचित कराएं। इससे उन्हें कई जीवन कौशल सीखने को मिलेंगे। जिसमें सभी के प्रति उनकी करुणा शामिल है, चाहे उनकी संस्कृति, पृष्ठभूमि या त्वचा का रंग कोई भी हो।
8:- बच्चों को बहुत तारीफ की आदत ना डालें (Don't make your children into the habit of praising them too much.)
बच्चों ने कुछ अच्छा काम किया या कुछ सीख लिया तो बहुत ज्यादा तारीफ ना करें। ऐसा करने से बच्चों के अंदर ओवर कॉन्फिडेंस आ जाता है। जो की भविष्य में उन्हें मेहनत ना करने की आदत डालने लगता है। उसे लगता है कि हर काम काफी आसान है और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
9:- बच्चों को क्रिएटिव बनाएं (make children creative)
सारे बच्चे जन्म से क्रिएटिव नहीं होते हैं और उनमें उत्सुकता की कमी होती है। लेकिन अगर हर दिन उन्हें नए कामों को समझना और सीखने के लिए दिया जाए तो उनमें उत्सुकता और क्रिएटिविटी विकसित की जा सकती है।
10:- देने की कला सिखाएं (teach the art of giving)
बच्चों को सभी को देने के भाव सिखाएं। एक देने वाला हृदय एक हर्षित हृदय होता है। जब हम देते हैं तो हमें खुशी का अनुभव होता है। हमारे बच्चों को यह आवश्यक स्किल सिखाने से उन्हें करुणा को उसके सच्चे रूप में समझने में मदद मिलेगी।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Hindicity.in इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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